शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

संस्कृति कर्मियों के लिए प्रकाश स्तम्भ थे



गोरखपुर। जन संस्कृति मंच के संस्थापक सदस्य, कला समीक्षक, पत्रकार एवं कथाकार अनिल सिन्हा के निधन पर शनिवार (26 feb ko )को प्रेमचन्द पार्क में हुई एक शोक सभा में शहर के साहित्यकारों, संस्कृति कर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धाजंलि दी।
वरिष्ठ कथाकार मदन मोहन की अध्यक्षता में जनसंस्कृति मंच द्वारा आयोजित इस शोक सभा में वक्ताओं ने कहा कि जन संस्कृति मंच के कर्मठ और विचारवान साथी अनिल सिन्हा आजीवन प्रगतिशील मूल्यों के लिए संघर्ष करते रहे। वह अपनी विचारधारात्मक प्रतिबद्धता और जन पक्षधरता से कभी डिगे नहीं। वह जसम के संस्थापक सदस्य, उत्तर प्रदेश इकाई के पहले सचिव और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। उनका संगठन की गतिविधियों के प्रति उत्साह सबके लिए प्रेरणास्पद थां। उन्होंने एक प्रतिभाशाली और प्रखर पत्रकार के रूप में कई पत्र-पत्रिकाओं, अमृत प्रभात, नव भारत टाइम्स आदि में काम किया। राष्ट्रीय सहारा के स्थानीय संस्करण में सर्जना नामक स्तम्भ लिखा। उन्होंने 70 के दशक में पटना से विनिमय नाम की साहित्यिक पत्रिका निकाल लघुपत्रिका आन्दोलन में योग दिया। उनकी कहानियों का एक संग्रह मठ चर्चित रहा. उनकी सर्जानात्मक रुचियों की परिधि बहुत व्यापक थी जिसमें पत्रकारिता से लेकर चित्रकला, सिनेमा जैसे माध्यम भी शामिल थे। सीपीआई एमएल के साथ उनका गहरा और पुराना रिश्ता था।
शोक सभा में युवा आलोचक कपिलदेव ने कहा कि अनिल सिन्हा ने माक्र्सवादी विचारधारा को संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरूप में उतारने का जीवन भर प्रयास किया। उन्होंने अनिल सिन्हा की स्मृति में उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर आयोजन का सुझाव दिया। शोक सभा की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कथाकार मदनमोहन ने जनसंस्कृति मंच की स्थापना के दौरान अनिल सिन्हा की सक्रियता को याद करते हुए कहा कि विचारधारा और संस्कृति कंे अन्तर सम्बन्धों को लेकर उनकी उनसे काफी संवाद रहा; उनका सम्पूर्ण लेखन जनता की मुक्ति के लिए था; वह जितने सरल व सादे थे वैचारिक रूप यसे उतने ही दृढ थे। शोक सभा मे दो मिनट मौन रखकर अनिल सिन्हा को श्रद्धाजलि दी गई। शोक सभा का संचालन करते हुए जनसंस्कृति मंच के प्रदेश सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अनिल सिन्हा उन जैसे युवा संस्कृति कर्मियों के लिए प्रकाश स्तम्भ थे। शोक सभा में पत्रकार अशोक चैधरी, वेद प्रकाश, रंग कर्मी आरिफ अजीज लेनिन, अशोक राव, बैजनाथ मिश्र, भाकपा माले के जिला सचिव राजेश साहनी, हरिद्वार प्रसाद, बैजनाथ मिश्र, गोपाल राय, पीयूएचआर के जिला सचिव श्याममिलन आदि उपस्थित थे।

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